पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रमुख जिला बुलंदशहर, दिल्ली से बेहद करीब है लेकिन विकास से कोसों दूर है। कहीं बिजली, कहीं पानी तो कहीं सड़कों की समस्या से जूझ रहे इस जिले ने देश-प्रदेश को कई बड़े नेता और यूपी को एक सीएम भी दिया है।
वर्तमान में बुलंदशहर जिले में 7 विधानसभा सीटें हैं। बुलंदशहर, अनूपशहर, सिकंदराबाद, डिबाई, खुर्जा, स्याना, और शिकारपुर। बुलंदशहर, अनूपशहर सीट पर बसपा का कब्जा है जबकि डिबाई और शिकारपुर सीटों पर सपा का। स्याना और खुर्जा सीट कांग्रेस के पास है, सिकंदराबाद सीट पर भाजपा काबिज है।
बुलंदशहर और अनूपशहर दोनों ही सीटों पर पिछले दो चुनावों में बसपा के प्रत्याशियों को ही जीत मिली है। दोनों ही विधायकों- हाजी अलीम (बुलंदशहर) और गजेंद्र सिंह (अनूपशहर) को करीब 10 साल से क्षेत्र का विकास करने का मौका मिला हुआ है। 2017 के चुनावों में देखना ये होगा कि जनता की कसौटी पर ये 10 साल कितने खरे उतरे।
डिबाई के विधायक गुड्डू पंडित उर्फ श्रीभगवान शर्मा पहले बसपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। 2012 में फिर चुनावों का मौका आया तो वह सपा में शामिल हो गए और एक बार फिर विधायक चुने गए। अब 2016 में उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया है। पिछले दो बार से वह विधायक चुने जा रहे हैं और इस बार देखना ये होगा कि क्या जनता उनके काम पर मुहर लगाती है?
शिकारपुर के विधायक हैं मुकेश शर्मा। मुकेश, गुड्डू पंडित के भाई हैं और सपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। स्याना सीट से विधायक हैं दिलनवाज खान। दिलनवाज, वेस्ट यूपी के दिग्गज कांग्रेसी नेता इम्तियाज के बेटे हैं। इम्तियाज की मृत्यु के बाद उन्हें टिकट मिला और वह विधायक चुने गए।
पॉटरी उद्योग के लिए प्रसिद्ध खुर्जा से विधायक हैं कांग्रेस के बंसी पहाडिया। पहले ये सीट बसपा के पास थी लेकिन 2012 में उसके हाथ से फिसल कर कांग्रेस की झोली में आ गिरी। अब 2017 में खुर्जा की जनता किस पार्टी और नेता को विधायक चुनेगी यह देखने वाली बात होगी।
सिकंदराबाद सीट से विधायक हैं भाजपा की बिमला सोलंकी। सिकंदराबाद सीट गुर्जर, सैनी और ठाकुर बाहिल्य सीट मानी जाती है और जातीय समीकरण यहां काफी हावी रहते हैं।
2017 के लिए बसपा ने तो अपने पत्ते खोल दिए थे। सपा ने भी एक सीट पर प्रत्याशी घोषित कर दिया है लेकिन बाकी पार्टियों ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं।
वर्तमान में बुलंदशहर जिले में 7 विधानसभा सीटें हैं। बुलंदशहर, अनूपशहर, सिकंदराबाद, डिबाई, खुर्जा, स्याना, और शिकारपुर। बुलंदशहर, अनूपशहर सीट पर बसपा का कब्जा है जबकि डिबाई और शिकारपुर सीटों पर सपा का। स्याना और खुर्जा सीट कांग्रेस के पास है, सिकंदराबाद सीट पर भाजपा काबिज है।
बुलंदशहर और अनूपशहर दोनों ही सीटों पर पिछले दो चुनावों में बसपा के प्रत्याशियों को ही जीत मिली है। दोनों ही विधायकों- हाजी अलीम (बुलंदशहर) और गजेंद्र सिंह (अनूपशहर) को करीब 10 साल से क्षेत्र का विकास करने का मौका मिला हुआ है। 2017 के चुनावों में देखना ये होगा कि जनता की कसौटी पर ये 10 साल कितने खरे उतरे।
डिबाई के विधायक गुड्डू पंडित उर्फ श्रीभगवान शर्मा पहले बसपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। 2012 में फिर चुनावों का मौका आया तो वह सपा में शामिल हो गए और एक बार फिर विधायक चुने गए। अब 2016 में उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया है। पिछले दो बार से वह विधायक चुने जा रहे हैं और इस बार देखना ये होगा कि क्या जनता उनके काम पर मुहर लगाती है?
शिकारपुर के विधायक हैं मुकेश शर्मा। मुकेश, गुड्डू पंडित के भाई हैं और सपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। स्याना सीट से विधायक हैं दिलनवाज खान। दिलनवाज, वेस्ट यूपी के दिग्गज कांग्रेसी नेता इम्तियाज के बेटे हैं। इम्तियाज की मृत्यु के बाद उन्हें टिकट मिला और वह विधायक चुने गए।
पॉटरी उद्योग के लिए प्रसिद्ध खुर्जा से विधायक हैं कांग्रेस के बंसी पहाडिया। पहले ये सीट बसपा के पास थी लेकिन 2012 में उसके हाथ से फिसल कर कांग्रेस की झोली में आ गिरी। अब 2017 में खुर्जा की जनता किस पार्टी और नेता को विधायक चुनेगी यह देखने वाली बात होगी।
सिकंदराबाद सीट से विधायक हैं भाजपा की बिमला सोलंकी। सिकंदराबाद सीट गुर्जर, सैनी और ठाकुर बाहिल्य सीट मानी जाती है और जातीय समीकरण यहां काफी हावी रहते हैं।
2017 के लिए बसपा ने तो अपने पत्ते खोल दिए थे। सपा ने भी एक सीट पर प्रत्याशी घोषित कर दिया है लेकिन बाकी पार्टियों ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं।